[Gujarati Club] Hindi Geet-Markand Dave.

 

पेट की सलवटें । (गीत)
http://mktvfilms.blogspot.in/2014/03/blog-post.html

चल, पेट की  सलवटें, मिटाने की  कोशिश करें ।
हाँ,  इक  नए  नेता  की,  फिर  आज़माइश करें ।

अन्तरा-१.

गरीबी  का  बुखार है, फकीरी  का खुमार भी..!
चल, कड़ी  भूख  की  फिर  से  फरमाइश  करें ।
हाँ,  इक  नए  नेता  की, फिर आज़माइश  करें ।  

अन्तरा-२.

सुना   है,  ज़हर  की  खेती  होती  है  देश  में..!
चल, भीख में राशन की  फिर  गुजारिश  करें ।
हाँ,  इक  नए  नेता  की, फिर आज़माइश करें ।  

अन्तरा-३.

बच्चों  की  कसम  है  बाबू, अब वह रोते  नहीं..!
चंद  सांसों के लिए, क्यों न फिर सिफारिश करें ?
हाँ,  इक  नए  नेता  की, फिर आज़माइश  करें ।  

अन्तरा-३.

या रब, देख  रहा  है  ना  सब? कह  दे  उन्हें...!
इक बार फिर, हसीं वादों की  तेज बारिश करें ।
हाँ,  इक  नए  नेता  की, फिर आज़माइश  करें ।

मार्कण्ड दवे । दिनांक - १९-०३-२०१४.

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