वतन परस्ती । (गीत ।)
फिरकापरस्त, सिखाते हमें वतनपरस्ती..!
क्या ये लोकतंत्र है, या कोई जबरदस्ती?
फिरकापरस्त = क़ौमवादी; वतनपरस्ती = देशभक्ति ।
अन्तरा-१.
पेट नोच कर, प्यास छीन कर, सांस लूट कर..!
साँप - नेवले ने कर ली है क्या, अमन-दोस्ती?
फिरकापरस्त, सिखाते हमें वतनपरस्ती..!
अन्तरा-२.
न मरते, ना मारते हमें, सियासत वाले..!
मानो, वहशी बिल्ले करते, मूषक मस्ती?
फिरकापरस्त, सिखाते हमें वतनपरस्ती..!
वहशी = जंगली; मूषक= चूहा ।
अन्तरा-३.
जाग ज़रा, `मत`कर ऐसा, दिखा उनको अब..!
पूरब-पच्छिम, उत्तर-दकन, ना लचर बस्ती..!
फिरकापरस्त, सिखाते हमें वतनपरस्ती..!
दकन=दक्षिण; लचर बस्ती = कमज़ोर जनता ।
अन्तरा-४.
लोकतंत्र में, वोट-मंत्र ताक़त न सस्ती ।
चल, मिटा देते हैं, ऐसे-वैसों की हस्ती..!
फिरकापरस्त, सिखाते हमें वतनपरस्ती..!
मार्कण्ड दवे । दिनांकः २४-०४-२०१४.
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